चलो कुछ ऐसा कर्म करें, उन करोड़ों लोगों का नमन करें, चल पड़े थे जो बिना सोचे समझे, ताकि हमारे चेहरे पर ना कोई शिकन रहे | चलो कुछ ऐसा कर्म करें... जहां ना हिंसा, ना टकरार हो, ना दंगा, ना मझधार हो, सम्पूर्ण जगत भी जहां अभिन्न अंग बने | चलो कुछ ऐसा कर्म करें... जहां ना हो कोई सिख ईसाई, बस केवल हो सब भाई भाई, शिया सुन्नी जहां सब प्रसन्न रहें, चलो कुछ ऐसा कर्म करें... आनंद की जहां बातें हो, हर दिन ईद दिवाली की रातें हो , जहां सब की सुनी जाती हो, कोई ना जाति पाती हो, क्यों न ऐसे, नवीन भारत का हम सृजन करें ! चलो कुछ ऐसा कर्म करें... जहां न झूठे वादे हो, सिर्फ सुशासन की बातें हो, जहां मन में पक्के इरादे हो, जख्म कुरेदे़ न जाते हो, क्षमा, दया जहां समाज का एक अभिन्न अंग बने, चलो ऐसा कुछ कर्म करें... ऐसा मुश्किल हो सकता है, पर प्रयास करने में क्या लगता है, युवा जहां खूब श्रम करें, चलो फिर से इक नये भारत का हम सृजन करें !! **** #मेरे_सपनो_का_भारत #New_India #महात्मा_गांधी_को_समर्पित
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