‘‘ आओ हम सब मिलकर भारत को एक नयी दिशा दें। आरम्भ का समय यही , फिर भारत को जगतगुरु बना दें।। ’’ परिवर्तन के इस दौर में अब आरम्भ का समय आ गया है। आखिर कब तक हम चुप बैठेगें ? कब हम उठेगें अपने अधिकारों के लिये ? कब हम खड़ें होगें विकसित देशों के साथ ? हाँ यही समय है जब हम एक सफल और बेहतर भविष्य के निर्माण की शुरुआत कर सकते है। हमें आगे बढ़ना होगा , दुनिया के एक सशक्त राष्ट्र के रुप में अपनी एक पहचान देना होगा। मानव - मानव के बीच बढ़ रही खाइयों को पाटते हुए घृणा , लालच , इष्र्या , द्वेष , वर्चस्व , सत्ता , अहं व आतंक को मिटाना होगा। हमें आत्म निर्भर बनकर विश्व क्षितिज पर एक बार पुनः जगत गुरु बनकर जगमगाना होगा। यह तभी सम्भव हो सकता है जब हम सब मिलकर ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। विद्यार्थी विद्या अध्ययन करे और अध्यापक ईमानदारीपूर्वक अध्यापन करें। नेता ईमानदारीपूर्वक देश की सेवा करें और प्रशासनिक अधिकारी ईमानदारीपूर्वक ज
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