कभी आओ फुर्सत में बैठे हुए मिलो, सर्दियों की धूप में टहलते हुए मिलो, यकीनन मैं अच्छा नहीं तो क्या ! यही बताने के लिए लड़ते हुए मिलो । दूरियां अच्छी होती हैं क्या रिश्ते के लिए ! चलो अब गुस्सा छोड़ कर हंसते हुए मिलो । वास्ता जरा कम रहा है तुमसे, अच्छा इसी बहाने चाय पर कुछ कहते हुए मिलो । रंग जरा कम पसंद हैं मुझे, तो क्या, होली में अब की गले लगते हुए मिलो । महज प्यार करना ही काफी नहीं हुजूर, कभी तो इश्क ए इजहार करते हुए मिलो । माना मसरूफ रहते हो आजकल तुम, तो दिन में ना सही, सांझ ढलते हुए मिलो । जमाने की फिकर क्यूं सताती तुम्हें, इश्क़ गर है तो, जमाने से लड़ते हुए मिलो ! *** #After_Christmas #After_A_While #Diary #love #NewYear2020
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