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Showing posts from May, 2023

तुम्हारी पसंद

तुम्हें गीत पसंद हैं, मुझे उन गीतों को गाती हुई तुम । तुम्हें रोशनी पसंद हैं, मुझे अंधेरों से डर के पास आती हुई तुम। तुम्हें पसंद है शाम, मुझे उस शाम में दिन भर के किस्से सुनाती हुई तुम । तुम्हें बारिश पसंद है, मुझे उस बारिश में भीगती हुई तुम ।

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