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मेरी डायरी #3



 मैं जिंदगी भर जिसे ढूँढता रहा,
वह खुद मेरे अंदर था...
 आँधी सा, तूफान सा ,
 हिल्लोरे लेता एक समंदर था...
 छिपा रखे थे, उसने राज कैसे कैसे,
 गुफा था या कंदर था...
 मिलेगा किसी रोज तो बता देंगें उसे,
 जालसाजों के बीच बस वही इक सिकंदर था ...
****
कभी अंजान बनकर खुद से सवाल करिए,
इक ज़ुमले का आज इस्तेमाल करिए,
Live & let live कहने से क्या होगा,
दो चार जिँदगियोँ को आप भी ऩिहाल करिए,
मासूम जो कबाड़ बुनते हैँ,
खुद से थोडे ना ये राह चुनते हैँ,
वो भी सपने बुनते हैँ,
आज उनका तल्ख-ए-दीदार करिए,
कभी अंजान बनकर खुद से सवाल करिए...
*****
india cant be a will power untill a single person is suffered from daily needs :-roti, kapda, mkan...
******
have a good day


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हमसफर

आप तलाशते रहिए  सच्चे हमसफर जिंदगी भर, झोंकते रहिए खुद को  अंतहीन वेदनाओं से रोजाना, और अंत में जब  किसी के सारे कष्ट अपने लगने लगे, तब  समझो तुम्हारी तलाश पूरी हुई । आप चलते रहिए तमाम उम्र सफ़र में, अपना लीजिए हर एक को  जो भी रुकना चाहे हजर में, आसां लगने लगे मंजिल  जिसके  होने से  कठिन डगर में, तब समझो तुम्हारी तलाश पूरी हुई । हुनर की आलोचना भी हो,  प्रतिकार हो दंभ का भी, अश्रु पूरित हो नयन जब, प्रेम हो, विकल भी, कल्पनाएं जब हकीकत सी लगने लगे, तब समझो तुम्हारी तलाश पूरी हुई ।

ईश्वर की अवधारणा

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तुम्हारे चले जाने के बाद

 तुम्हारे चले जाने के बाद मेरे हिस्से आया एकांत, जो ठीक वैसा ही सुकून दायक है, जैसे तुम हो, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं कि तुम मत आओ, तुम्हारे चले जाने के बाद मैंने चाहा तुम आओ, और मेरे कंधे से बोझ को हल्का कर दो , परंतु तुमने मुझे इतना मजबूत बनाया है कि इसकी ज़रूरत नहीं, मैं चाहती हूं तुम घनघोर बारिश में, कभी कभी भीगकर मेरे लिए आओ ! मैं चाहती हूं तुम फिर आओ,  मेरी इन शामों में जैसे पहले आया करते थे, और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी सारी बातें बताओ ! फिलहाल तुमको जैसा ठीक लगे तुम वैसे आओ, मेरे लिए तुम्हारा आना ज़रूरी है ! Pic credit- By one of the page followers

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