कौन ?

मैं गिर गया तो, फिर संभालेगा कौन ?
तुझे मुश्किलों से फिर निकालेगा कौन !
गर मंजर हसीं नहीं तो क्या हुआ,
दहसत में मासूमों को फिर पालेगा कौन ?
खिदमत करते हो जिनकी तुम दर ब दर,
खुदा से उनको फिर बचा लेगा कौन ?
आंसू संगदिल नहीं हो सके मेरे,
बुरी नजरों से उन्हें छिपाएगा कौन !
जीने का बस एक यही रस्ता आख़री तो नहीं, 
कई और होंगे,
उन रस्तों को तुमसे रूबरू कराएगा कौन !
सभी रहगीर हैं, छोड़ चले जाएंगे इक न इक दिन,
उम्र भर फिर तेरा साथ निभाएगा कौन !









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