गांव
गांव के चौबारे में कुछ बूढ़े,
चर्चा कर रहे थे के फला भी गया !
गया से तात्पर्य,
ऊपर जाने से था।
बेचारे से मिल भी न पाए थे
उसके बहू बेटी भी,
जो दूर रहते थे,
किसी शहर में।
पर उसके अपने बेटे दूर शहर में भी रहकर,
आ ही जाते हैं जरूर हर तीसरे साल
कभी कभार ।
यह कह कर सभी चले गए।
अपने अपने एकांतवास में।
गांवों को अब हम ने ऐसा ही बना दिया है,
वहां अब कोई भी नहीं रहता,
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