उम्मीद..

तुमको पता है?
 जब तुम कहते हो एक दिन सब ठीक हो जायेगा,
 मुझे अच्छा लगता है, 
 इसलिए नहीं कि सब अच्छा हो जायेगा 
 बल्कि इसलिए क्यूंकि 
 तुम इतने प्यार से बोलते हो , 
कि इक उम्मीद बंध जाती  है। 

 लाख जलजलों के बीच,
मुझे बस एक शाम चाहिए होती है तुम्हारे साथ,
 फिर फर्क नहीं पड़ता,
 कि फिर कोई तूफाँ आए 
या कोई आंधी । 

 क्यूंकि तुम्हारे और मेरे हिसाब से
 एक दिन सब ठीक हो जायेगा, 
और ठीक होना ही पड़ेगा ।
वैसे भी सब ठीक कहां होता है?? 
 सब ठीक हो जायेगा तो, 
फिर मज़ा कैसे आयेगा ज़िंदगी का !!

Credit- ~शिखा

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