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Showing posts from 2023

ईश्वर की अवधारणा

 सबसे अहम और अस्पष्ट सवाल का उत्तर अगर कुछ है तो वो है ईश्वर के बारे में, अन्यथा हमने अभी तक सभी रहस्मयी गुत्थियों को सुलझा लिया है। इस दुनिया में सबसे ऊर्जा दायक अगर कोई हैं तो वो हैं ईश्वर, अगर कोई स्थान है तो वह है 'ईश्वर का घर जिसको हमने मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि नाम दिया है। मगर ऐसा क्यूं?  ऐसा क्या है जो सब ईश्वर से इतनी शक्ति प्राप्त करते हैं? जो उन्हें इतनी ऊर्जा प्रदान करती है। ईश्वर, भगवान, खुदा कोई भी हो सकता है जिससे सभी को सतत् प्रेरणा या ऊर्जा मिलती है। लेकिन ऐसा क्यूं है कि ईश्वर में हमें इतनी दिलचस्पी है।ऐसा इसलिए है क्यूंकि ईश्वर ऊर्जा का सतत स्त्रोत है । ईश्वर के घर के बारे में जानने से पहले हमें जानना होगा ईश्वर क्या हैं? कौन हैं? कैसे हैं? जिसका हम इतना सम्मान करते हैं। लोग जो अपनी दिन भर की भागादौड़ी से थक जाते हैं उनको शांति चाहिए होती है तो वो ऐसी चीज की तलाश में रहते हैं जिससे उन्हें शांति मिले या फिर वो थोड़ा आराम करके पुनः अपनी एक अच्छी शुरुआत कर सकें। ईश्वर वह आदर्श है जो निरंतर प्रेरणा देता है और हमें उन्हें देखकर ये भावना उत्पन्न होती है कि हमें भी अब अपन

हम तुम जीवित रहेंगे..

हम तुम जीवित रहेंगे उन सुबहो में जिसमे हमने उगते हुए सूरज को देखा, हम तुम जीवित रहेंगे उन ओस की बूंदों में जिस पर हमने प्रात भ्रमण किया... हम तुम जीवित रहेंगे उन सुबहो में जिनमें हमने साथ में चाय पी, हम तुम जीवित रहेंगे उन दोपहरियो में जिसमे हमने साथ में यात्राएं की,  हम तुम जीवित रहेंगे उन किताबों में जो तुमने मुझे पढ़ाई,  हम तुम जीवित रहेंगे उन तकरारो में जो हमने की, हम तुम जीवित रहेंगे उन शामों में जिसमे हमने एक साथ बैठकर ढलते हुए सूरज को देखा, हम तुम जीवित रहेंगे उन कुर्सियो पर जिस पर हमने बैठकर शामें गुजारी, हम तुम जीवित रहेंगे उन हवाओं में जिनको हमने महसूस किया, हम तुम जीवित रहेंगे उन कहानियों में जो तुमने मुझे बताई, हम तुम जीवित रहेंगे उन लोरियों में जो तुमने गाई... हम तुम जीवित रहेंगे उन कैफे में जिसमे हमने बैठकर कॉफी पी, हम तुम जीवित रहेंगे उन चांदनी रातों में जिनमें हमने लॉन में बैठकर बातें की, हम तुम जीवित रहेंगे उन शिवालयों में जिसमे हमने साथ में प्राथनाएं की, हम तुम जीवित रहेंगे उन गलियों में जिनमें हमने भागादौड़ी की, हम तुम जीवित रहेंगे उन रातों में जिनमें हमने ठंड हवाओं

तुम्हारे चले जाने के बाद

 तुम्हारे चले जाने के बाद मेरे हिस्से आया एकांत, जो ठीक वैसा ही सुकून दायक है, जैसे तुम हो, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं कि तुम मत आओ, तुम्हारे चले जाने के बाद मैंने चाहा तुम आओ, और मेरे कंधे से बोझ को हल्का कर दो , परंतु तुमने मुझे इतना मजबूत बनाया है कि इसकी ज़रूरत नहीं, मैं चाहती हूं तुम घनघोर बारिश में, कभी कभी भीगकर मेरे लिए आओ ! मैं चाहती हूं तुम फिर आओ,  मेरी इन शामों में जैसे पहले आया करते थे, और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी सारी बातें बताओ ! फिलहाल तुमको जैसा ठीक लगे तुम वैसे आओ, मेरे लिए तुम्हारा आना ज़रूरी है ! Pic credit- By one of the page followers

तुम्हारी पसंद

तुम्हें गीत पसंद हैं, मुझे उन गीतों को गाती हुई तुम । तुम्हें रोशनी पसंद हैं, मुझे अंधेरों से डर के पास आती हुई तुम। तुम्हें पसंद है शाम, मुझे उस शाम में दिन भर के किस्से सुनाती हुई तुम । तुम्हें बारिश पसंद है, मुझे उस बारिश में भीगती हुई तुम ।

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